ख़ुशी

ख़ुशी

मंगलवार, 3 नवंबर 2020

अंतर्द्वंद्व



5.30बजे ही उठ गई ! सुब‌ह से ही मन बेचैन परेशान था । सैर भी नहीं गई। बालकनी में उगते सूरज को देखने लगी । सोचा सुकून मिलेगा..... पर नहीं। घर के  चक्कर लगाती रही ।  बेचैनी बढ़ती जा रही थी।
चाय पी और सुबह ही फोन किया पर बात न हो सकी।
अब दिन के काम शुरू हो गये और समय निकल गया। १० मिनट के काम में १/२ घंटा लग रहा था। काम में मन नहीं लग रहा था। पहली बार मेरे साथ हो रहा था समझ नहीं पा रही थी क्या चल रहा है ....क्या चाह  रही हू
......रोने का मन कर रहा था....पर क्यों.... .
इसी ऊहापोह में दो-तीन इधर-उधर फोन भी किये बात हुई तो रोई भी... मन हल्का हुआ।
त्योहार का दिन है.... ये सोचकर अगले दिन की तैयारी कर लूं ... हाथों पर उलटी सीधी लकीरें खींचने लगीं ..... कुलबुलाहट ‌ शुरू ....
मन की थकावट बहुत बढ़ गई थी।फिर फोन लगाया और बात न हो पाई ।
अब तो खीज गुस्सा चिड़चिड़ापन भी होने लगा ।
अंत में भगवान का ही सहारा होता है
मन की शांति के लिए ध्यान लगाया परंतु बेचैन मन को चैन नाही।
तुलसी पर जोत जलाते हुए मन की शांति की प्रार्थना की और ....बस फोन आ गया......
सब शांत कुलबुलाहट बेचैनी अंतर्द्वंद्व समाप्त...
                #मां
      शून्य में विलीन हो गई......🙏🙏🙏

सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

पलाश के फूल

✍️गर्मी का मौसम आते ही
खिल उठते हैं चटख रंग के
           ये पलाश के फूल
भौरों की गुनगुनाहट और चिड़ियों की चहचहाहट
रंग-बिरंगे हर आने-जाने वाले पंछी को बतियाते            देखकर
मन और आँखें तृप्त हो
 बासन्ती खुशियाँ मनाते
    ये पलाश के फूल
#बसंतीमौसम

मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

दिल्ली की सर्दी



ए सी पंखे पड़े हैं आँख मूंदे
बर्फ को भी  लग गई ठंड
निकल आये  हैं मोटे कम्बल,भारी रजाई
        जो पड़े रहते थे संदूक में।
हाथ से बुने स्वेटर भी
            फूले खुशी से
  दुबके हुए थे जो टोपी कनटोप शाल  मफलर... हो गया उनका भी श्रृंगार।
धूप हो गई गायब
      ठिठुरन से भरा है माहौल और
     सेंक रहे सभी अलाव .....
#दिल्ली की सर्दी




बुधवार, 21 अगस्त 2019

सुबह

✍🏻    *सुबह हो चुकी है*

खुली ताजी हवा से अहसास हो रहा है
      मन में ताजगी का आनंद उभर रहा है
धरती निखर रही है खुशबू बिखर रही है
उदित हो रहा सूरज उजाले ने ली अंगड़ाइयां....

#जल्दी जागना हमेशा ही फायदेमंद होता है।

शनिवार, 25 मई 2019

मोदी जी

✍🏻
नया आयाम बनाया 'मोदीजी
'नई पहचान बना गया 'मोदी जी'
जनता की जो पकडी़ नब्ज
फिर से छा गये मोदी जी
विरोधियों को दे पटकनी
फिर से आ गये  मोदी जी
 नये अनजान चेहरों को भी आज जीत गया 'मोदी जी'
नई पहचान बना गया 'मोदी जी'

गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

अटपटा सच

✍🏻"मैं तुम्हें नहीं भूल सकती/सकता"
 ------ये अटपटा सच है----मेरे विचार
...क्यूं है ना...

 क्योंकि ना ऐसी कोई बात,समय,दृश्य, कहानी,ना ही कोइ इंसान और ना ऐसी कोइ चीज है जिसे हम नहीं भूल सकते। जब तक इनमें से कोई हमारी नजरों के सामने होता है तब तक उसका प्रभाव हमपर रहता है।नजरों से ओझल होते ही उसका प्रभाव भी धीरे धीरे कम होने लगता है।या फिर कुछ नया आ / हो जाता है !
इसलिए जब कोइ कहता है,मैं तुम्हें नहीं भूल सकता, तो ये बस बाँधे रखने का एक बहाना मात्र है,जब तक उसे आपकी जरूरत है ........

इसलिए अगर संबंधों में रहना है तो और बहुत से वजहों से रहिए,ना कि सिर्फ इसलिए क्योंकि  "आप उसे नहीं भूल सकते!"

बुधवार, 17 अप्रैल 2019

विचार

यह विचार पढ़ा तो मन को भा गया ------ करके देखें ----- सच बचपन याद आ गया

हर रात सोने से पहले अपने बिस्तर पर बैठें और मुंह बनाना शुरू करें। ठीक वैसे ही जैसे छोटे बच्चे करते हैं और उसका आनंद लेते हैं। तरह-तरह के चेहरे: अच्छे बुरे, सुंदर,कुरूप, ताकि पूरा चेहरा और मांसपेशियां हिलने लगें। आवाजें निकालें, निरर्थक आवाजें। फिर दस पंद्रह मिनट के लिए झूमें, शरीर को हिलाएं। और फिर सो जाएं।
सुबह स्नान करने से पहले फिर आईने के सामने खड़े हों और फिर से मुंह बनाएं। आईने के सामने खडे हो और देखें और मज़ा लें।